पुराण विषय अनुक्रमणिका

PURAANIC SUBJECT INDEX

(From Daaruka   to Dweepi )

Radha Gupta, Suman Agarwal & Vipin Kumar)

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Daaruka - Diti  ( words like Daarukaa, Daalbhya, Daasa, Dikpaala, Diggaja, Dindi, Diti etc. )

Didehaka - Divodaasa (  Dileepa, Divah, Divaakara, Divodaasa etc.)

Divya - Deepa(Divya / divine, Divyaa, Dishaa / direction, Deekshaa / initiation, Deepa / lamp etc. )

Deepaavali - Deerghabaahu ( Deepti / luminescence, Deergha / long, Deerghatapa, Deerghatamaa, Deerghabaahu etc.)

Deerghikaa - Durga ( Deerghikaa, Dugdha / milk, Dundubhi, Durga/fort etc.)

Durghandha - Duryodhana( Durgama, Durgaa, Durjaya, Durdama, Durmukha, Duryodhana etc. )

Durvaarkshee - Duhitaa( Durvaasaa, Dushyanta etc.)

Duhkha - Drishti  ( Duhshaasana, Duhsaha, Duurvaa, Drishadvati, Drishti / vision etc.)

Deva - Devakshetra (Deva / god, Devaka, Devaki etc.)

Devakhaata - Devaraata ( Devadatta, Devadaaru, Devayaani, Devaraata etc. )

Devaraata - Devasenaa (  Devala, Devavaan, Devasharmaa, Devasenaa etc.)

Devasthaana - Devaasura ( Devahooti, Devaaneeka, Devaantaka, Devaapi, Devaavridha, Devaasura Sangraama etc. )

Devikaa - Daitya  ( Devikaa, Devi / Devee, Desha/nation, Deha / body, Daitya / demon etc. )

Dairghya - Dyau (Dairghya / length, Dolaa / swing, Dyaavaaprithvi, Dyu, Dyuti / luminescence, Dyutimaan, Dyumatsena, Dyumna, Dyuuta / gamble, Dyau etc. )

Draghana - Droni ( Dravida, Dravina / wealth, Dravya / material, Drupada, Drumila, Drona, Druhyu etc.)

Drohana - Dwaara( Draupadi, Dvaadashaaha, Dvaadashi / 12th day, Dwaapara / Dvaapara, Dwaara / door etc. )

Dwaarakaa - Dvimuurdhaa(   Dwaarakaa,  Dwaarapaala / gatekeeper, Dvija, Dwiteeyaa / 2nd day, Dvimuurdhaa etc.)

Dvivida - Dweepi( Dvivida, Dweepa / island etc. )

 

 

Puraanic contexts of words like Dvivida, Dweepa / island etc. are given here.

द्विविद गर्ग ६.१५.१ (बलराम द्वारा कपिटङ्क तीर्थ में द्विविद वानर का वध), ७.१३ (शाल्व राजा का सहायक वानर, प्रद्युम्न से पराजय), ७.२५.५७(वानर, प्राग्ज्योतिषपुर के द्वार का वासी, प्रद्युम्न द्वारा वध), ब्रह्म १.१००.२ (वानर, नरकासुर - सखा, उपद्रव, बलदेव द्वारा वध), ब्रह्माण्ड १.२.१९.६८(क्रौञ्च द्वीप के पर्वतों में से एक), भविष्य ३.३.१२.१२३ (द्विविद का कलियुग में सूर्यवर्मा के रूप में जन्म), भागवत १०.६७ (वानर, चरित्र दुष्टता, बलराम द्वारा वध), विष्णु ५.३६ (वानर, कुचेष्टाओं पर बलराम द्वारा वध), वा.रामायण १.१७.१४ (वानर, अश्विनौ का अंश), ४.६५.८ (द्विविद वानर की गमन शक्ति का कथन), ६.४१.३९ (द्विविद द्वारा लङ्का के पूर्व द्वार पर नील की सहायता), ६.४३.१२ (द्विविद का रावण - सेनानी अशनिप्रभ से युद्ध), ६.५८.२० (द्विविद द्वारा प्रहस्त - सचिव नरान्तक का वध), ६.७६.३४ (द्विविद द्वारा शोणिताक्ष का वध ), स्कन्द ३.१.५१.२५(उदीची दिशा में द्विविद का स्मरण), द्र. गोविन्द/द्विविन्द । dwivida/dvivida

 

द्विविधा मत्स्य १२२.३२(शाक द्वीप की ७ गङ्गाओं में से एक, अपर नाम शिबिका ) ।

 

द्वीप अग्नि १०७.३(प्रियव्रत द्वारा आग्नीध्र प्रभृति सात पुत्रों में जम्बू प्रभृति सात द्वीपों का विभाजन), १०८.२(जम्बू, प्लक्ष, शाल्मलि, कुश, क्रौञ्च, शाक तथा पुष्कर नामक सात द्वीपों के लवण, इक्षु , सुरा, सर्पि , दधि, दुग्ध तथा जल से आवृत होने का उल्लेख), ११८.३(इन्द्रद्वीप, कसेरु, ताम्रवर्ण, गभस्तिमान्, नागद्वीप, सौम्य, गान्धर्व, वारुण तथा भारत नामक नव द्वीपों का उल्लेख), ११९(जम्बू प्रभृति सात द्वीपों के विस्तार, वर्ष, पर्वत, नदियों, शासक तथा निवासियों का वर्णन), कूर्म १.४० (द्वीप अधिपति, वर्ष आदि का वर्णन), गरुड १.५६ (प्लक्ष आदि द्वीप व उनके स्वामियों का वर्णन), २.३२.११३(देह में द्वीपों की स्थिति),  देवीभागवत ८.३.२३ (मनु - पुत्रों के द्वारा द्वीप, वर्ष, समुद्र आदि की व्यवस्था का उल्लेख ) , ८.४.१५ (प्रियव्रत द्वारा पृथिवी की प्रदक्षिणा से द्वीपों की उत्पत्ति की कथा ; जम्बूद्वीप प्रभृति सप्त द्वीपों का सप्त पुत्रों में विभाजन), ८.५(जम्बू द्वीप का वर्णन), पद्म ३.८ (द्वीपों का वर्णन), ब्रह्म १.१६(सप्त द्वीपों का वर्णन), १.१८ (प्लक्ष, शाक आदि द्वीपों का वर्णन), २.८१ (यज्ञ द्वीप : पुरूरवा द्वारा उर्वशी प्राप्ति हेतु यज्ञों  का स्थान, वेद द्वीप उपनाम), ब्रह्माण्ड १.२.१५ (जम्बू द्वीप का वर्णन), १.२.१९ (प्लक्ष द्वीप आदि का वर्णन), १.२.१९.१३६(द्वीप की निरुक्ति), भविष्य १.१३९.८० (द्वीपों में सूर्य के नाम), ३.४.२४.७८(द्वापर युग के चरणों के अनुसार मनुष्यों का द्वीपों में वास), भागवत ५.१.३१(प्रियव्रत द्वारा पृथिवी की ७ परिक्रमाओं से ७ द्वीपों की उत्पत्ति, प्रियव्रत द्वारा आग्नीध प्रभृति पुत्रों की पृथक् - पृथक् द्वीपों में नियुक्ति), ५.२० (जम्बू द्वीप आदि के अन्तर्गत नदियों, अधिपतियों का वर्णन ), मत्स्य १२२ (शाक, कुश, क्रौञ्च, शाल्मलि आदि द्वीपों का वर्णन), १२३ (गोमेदक व पुष्कर द्वीप का वर्णन), मार्कण्डेय ५३.१६/५०.१६(प्रियव्रत द्वारा पृथिवी के सात द्वीपों में सात पुत्रों की स्थापना, पुन: द्वीपाधिपतियों द्वारा स्व - स्व पुत्रों में द्वीप के विभाजन का वर्णन), ५४.८/५१.८ (जम्बू द्वीप का वर्णन), लिङ्ग १.४६ (द्वीपों व द्वीप स्वामियों का वर्णन), वराह ७४ (द्वीपों का प्रियव्रत - पुत्रों में विभाजन), ८६ (शाक व कुश द्वीप का वर्णन), ८८ (क्रौञ्च द्वीप के वर्ष, पर्वत, नदी आदि), ८९ (शाल्मलि द्वीप के वर्ष, पर्वत, नदी आदि), वामन ११.३०(ब्रह्मा द्वारा द्वीपों की रचना, सातों द्वीपों के भिन्न - भिन्न धर्मों का कथन), वायु ३३.११ (प्रियव्रत द्वारा सात पुत्रों की सात द्वीपों में स्थापना, द्वीप स्वामियों व वर्षों का वर्णन), विष्णु २.४(जम्बू, प्लक्षादि द्वीपों का वर्णन), विष्णुधर्मोत्तर १.६.३९ (मेरु के परित: द्वीपों का वर्णन ; क्षीरोद मध्य में श्वेत द्वीप की महिमा), १.७(जम्बू द्वीप का वर्णन), १.२४९.१०(ब्रह्मा द्वारा मध्यम? को द्वीपों का अधिपति नियुक्त करने का उल्लेख), ३.१५९ (चैत्र शुक्ल पक्ष से आरम्भ कर सप्ताह पर्यन्त जम्बूद्वीपादि सप्त द्वीप व्रत), शिव ५.१८ (प्लक्षादि षट् द्वीपों का वर्णन), स्कन्द १.२.३७ (सप्त द्वीपों की स्थिति का वर्णन), ५.३.९७.४८(द्वीपेश्वर का माहात्म्य), ५.३.९७.१६६ (द्वीपेश्वर में वृषोत्सर्ग का  माहात्म्य ; द्वीप को सूत्र से वेष्टित करने आदि का महत्त्व), ५.३.२३१.२४(तीर्थ संख्या के अन्तर्गत दो द्वीपेश्वरों का उल्लेख), योगवासिष्ठ ३.३७.५६ (द्विपि : जनपद नाम, बाहुधान जनपद की सेना से युद्ध), ६.२.१८२+ (सप्त द्वीप का वर्णन), लक्ष्मीनारायण ३.२२०.१३(सुतारसिंह राजा की पत्नी द्वैपी द्वारा पति से छिपाकर दान करने के कारण संकटग्रस्त होना, कृष्ण द्वारा रक्षा), ४.९८(श्रीकृष्ण का जम्बू, प्लक्षादि सात द्वीपों में भ्रमण, द्वीपेश्वरी व उनके पुत्रों द्वारा कृष्ण के स्वागत का वर्णन), महाभारत भीष्म ११(सञ्जय द्वारा धृतराष्ट्र हेतु शाक द्वीप का वर्णन), १२.१(कुश, क्रौञ्च, पुष्कर आदि द्वीपों का वर्णन ) ; द्र. कुशद्वीप, क्रौञ्चद्वीप, गोमेदकद्वीप, जम्बुद्वीप, पुष्करद्वीप, प्लक्षद्वीप, शङ्खद्वीप, शरीर, शाकद्वीप, श्वेतद्वीप, सिन्धुद्वीप । dweepa/dveepa/dwipa

 

द्वीपी गरुड २.२.७७(वेदविक्रेता के द्वीपी बनने का उल्लेख), ब्रह्माण्ड २.३.७.१७६(क्रोधा की एक कन्या हरि व पुलह से उत्पन्न वानर जातियों में से एक), २.३.७.३१९(वानरों की ११ जातियों में से एक ) ; द्र. द्वैपी । dweepee/dwipi

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